हनुमान जी के जन्मस्थान की 3 पौराणिक कहानी, यहाँ पढ़े कहा हुआ था बजरंगबली का जन्म

Bajrangbali Ki Janm Katha | हिंदू धर्म में विभिन्न देवी देवताओं की मान्यता है. संकट मोचन हनुमान की भी अपनी अलग महिमा है. बजरंगबली के भक्तों को अपनी भक्ति पर पूरा विश्वास है कि भगवान कभी भी उन्हें निराश नहीं करेंगे. वहीं, बजरंगबली भी अपने भक्तों के सभी कष्ट हर लेते हैं. पुराणों के मुताबिक, भगवान हनुमान जी को शिव जी का रुद्रावतार कहा जाता है. शिव पुराण की माने तो हनुमान जी ही शिवजी के 11वें अवतार हैं.

Bajrangbali Ki Janm Katha
Bajrangbali Ki Janm Katha

बजरंगबली के जन्म को लेकर अलग-अलग मत

ज्योतिषियों की गणना के मुताबिक, हनुमान जी नें 1 करोड़ 85 लाख 58 हजार 112 वर्ष पहले चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्रा नक्षत्र व मेष लग्न के योग में सुबह 6 बजकर 3 मिनट पर जन्म लिया था. हनुमानजी के जन्‍म को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है. क्या आपको पता है बजरंगबली का जन्म कहां हुआ था. आज हम इसी बारे में बात कर रहे हैं और आपको तीन मत के बारे में जानकारी देंगे.

हनुमान जी के जन्मस्थान का पहला मत

हनुमान जी के माता- पिता अंजना माता और केसरी को कहा जाता है. इसी कारण उन्हें आंजनेय और केसरीनंदन भी कहते है. केसरी जी को कपिराज कहा जाता था क्योंकि वे वानरों की कपि नाम की जाति से संबंधित थे. केसरी जी के अंतर्गत कपि क्षेत्र आता था. कपिस्थल कुरु साम्राज्य का एक मुख्य हिस्सा था. हरियाणा का कैथल पहले करनाल जिले का भाग हुआ करता था. कैथल का ही पुराना नाम कपिस्थल था. कुछ शास्त्रों में बताया गया है कि हनुमान जी का जन्म यही हुआ था.

हनुमान जी के जन्म से जुड़ा दूसरा मत

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमानजी का जन्म झारखंड राज्य के गुमला जिले के आंजन गांव की एक गुफा में हुआ था. मान्यताओं के मुताबिक, आंजन गांव में ही माता अंजनी रहती थीं और इसी गांव की एक पहाड़ी पर स्थित गुफा में बजरंगबली जन्मे थे. यहां के लोगों में भी यही विश्वास है और यहां की जनजाति भी पूरी भक्ति और श्रद्धा के साथ माता अंजनी और भगवान महावीर की पूजा अर्चना करती है. यहां एक पुरानी पत्थर की मूर्ति विस्थापित है जिसमें माता अंजनी अपने गोद में बालक हनुमान को लिए हुए हैं.

हनुमान जी जन्म स्थान से जुड़ा तीसरा मत

तीसरे मत के अनुसार, गुजरात के डांग जिले कों रामायण काल में दंडकारण्य प्रदेश के रूप में जाना जाता था. मान्यता है कि यहीं शबरी नें भगवान राम व लक्ष्मण को बेर खिलाए थे. आज यह स्थल शबरी धाम नाम से प्रसिद्ध है. डांग जिले के आदिवासियों की सबसे गहरी मान्‍यता यह भी है कि डांग जिले के अंजनी पर्वत में स्थित अंजनी गुफा में ही हनुमानजी का भी जन्म हुआ था. कहा जाता है कि अंजनी माता ने अंजनी पर्वत पर ही घोर तपस्या की थी और इसी तपस्या के फलस्वरूप उन्हें पुत्र रत्न यानी कि हनुमान जी मिले थे.

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