हनुमान जी ने क्यों लिया था पंचमुखी रूप

जब भगवान राम और रावण का युद्ध चल रहा था तो रावण ने अहिरावन से सहायता मांगी.

जब हनुमान जी अहिरावण को मारने गए तो उनको एक वारदान मिला हुआ था.

इस वरदान के अनुसार, अहिरावण को मारने से पहले एक साथ 5 दीप भुजाने पड़ेंगे.

ख़ास बात यह थी कि यह दीप 5 दिशाओ में जले थे और इन्हें भुजाए बिना अहिरावण का वध नही हो सकता था.

इन दीपो को भुजाने के लिए हनुमान जी ने पंचमुखी रूप धारण किया और इन्हें एक ही झटके में भुजा दिया.

हनुमान जी के पंचमुखी रूप की पूजा करने से घर में तरक्की आती है.